JIN AANKHON KO CHUMTE THEE TUM POEM - Nancy Goyal | The Realistic Dice

Jin Aankhon Ko Chumte The Tum Poem

अब प्यार नहीं तुझसे 
मैं हर दिन खुद को बस यही समझाती हूं 
मलाल तो ये है

सच जानकर भी क्यों अनजान रह जाती हूं 
अच्छा!! तो तुम्हें प्यार है मुझसे 
तो बताओ मोहब्बत भी निभा पाओगे क्या?

कुछ बता दूं थोड़ा अपने बारे में मै तूम्हें 
स्वाभिमानी हूं मैं, तुम मेरा अभिमान बन पाओगे क्या? 
अच्छा तो तुम्हें प्यार है ना मुझसे

चलो छोड़ो.. ये बताओ दिन के दो पल निकाल, रोज मेरा हाल पता पूछ पाओगे क्या? 
प्यार है ना तुम्हें मुझसे

तुम्हें बता दूं तुम्हें कि टाॅफी में चॉकलेट टेडी नहीं मुझे इज्जत और वक्त दे पाओगे क्या?

और महत्वाकांक्षी हूं मैं, तुम मेरी आकांक्षा बन पाओगे क्या? 
अच्छा तुम्हें प्यार है ना मुझसे

तो बताओ मेरी रूह से इश्क कर 
उसे अपने रंग में रंग जाओगे क्या? 
थोड़ी अपनी मनवा कर थोड़ी मेरी सुनकर

मुझ संग जिंदगी बिताओगे क्या? 
कि क्या तुम भी मुझसे बिछड़कर ढलती शाम से हो गए थे? 
यानी दिखने में खूबसूरत और अंधेरे की ओर बढ़ रहे थे

क्या तुम्हें भी सब उस आफताब की तेज रोशनी की तरह आंखों में चुभ रहा था?

क्या मेरी कमी से तुम्हारा भी मन मचल रहा था?
क्या तुमने भी कभी लौटने की कोशिश की थी?
क्या देख मेरी तस्वीर बीते हुए पल पर रोशनी की थी?

आंसुओं को छुपाकर नींद ना पूरी होने का बहाना बनाकर  
तीरगी में जिस्म से हंजू बहाकर 
क्या तुमने भी मुझे पुकारने की कोशिश की थी?

क्या तुम भी खुद से गुनगुनाते थे 
बातें हम दोनों की आईने में देख के कर जाते थे 
क्या तुम भी मुझसे बिछड़कर एक ढलती हुई शाम से हो गए थे?

यानी दिखने में खूबसूरत और अंधेरे की ओर बढ़ रहे थे  
कि अज्ञार ही बनना था तो प्यार क्यों बने

मेरे असरार मेरे प्यार क्यों बने 
नक्श तुम्हारे आज भी संभाल रखे हैं 
तू बस इतना बता मेरे ख्यालों से ना जाने वाले ख्याल क्यों बने

एक बार तो सोच लिया होता मुझे रुलाने से पहल
जो आंखें चूमते थे कभी तुम उन्हें इस तरह भीगाने से पहले
एक बार तो सोच लिया होता मुझे रुलाने से पहले

जो जान जान कहकर पुकारते थे तुम 
उसी की जान इस कदर निकालने से पहले 
एक बार तो सोच लिया होता मुझे रुलाने से पहले

Written By -

                                       Nancy Goyal 


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